Sunday, April 26, 2009

गीत



प्यार का रंग नहीं बदला
बदलते लोग रहे.

वो चाहत वो बातें
वो सावन की रातें
पल पल यूँ ही काटें.
कैसे जिया को बांटें.
प्यार का रंग नहीं बदला
बदलते लोग रहे.

ठंडी हवा का चलना
जैसे किसी का छूना
देखूँ उसे तो कैसे
रोकूँ दिल का मचलना.

प्यार का रंग नहीं बदला
बदलते लोग रहे.

4 comments:

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  2. said...
    वो चाहत वो बातें
    वो सावन की रातें
    पल पल यूँ ही काटें.
    कैसे जिया को बांटें.
    प्यार का रंग नहीं बदला
    बदलते लोग रहे.

    शायद ये हमारी सोच है की प्यार नहीं बदला ...आज के युवाओं को देखती हूँ तो लगता है प्यार तो महज़ एक खेल बन कर रह गया है.....खैर ...सुन्दर रचना के लिए बधाई....!!

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  3. प्यार का रंग नहीं बदला
    बदलते लोग रहे.

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  4. आप तो कमल जी अपने ब्‍लॉग पर पोस्‍ट बदलते रहें और हम टिप्‍पणियां बदलते रहेंगे।
    ब्‍लॉग डेशबोर्ड में जाकर सैटिंग्‍स में कमेंट के नीचे से वर्ड वेरीफिकेशन के हां को ना में बदल कर सुरक्षित कर लें।

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